Thursday, November 30, 2023

पंच प्रयाग

देवभूमि उत्तराखंड मैं पाँच प्रयाग स्थित है l पंचप्रयाग में माँ गंगा जी की कई धारा का मिलन होता है,अंततः देवप्रयाग में सभी "अस्सी गंगा" का मिलाप हो जाता है,तत्पश्चात् देवप्रयाग में सम्पूर्ण गंगा हो जाती है l "अस्सी गंगा" आपने यह शब्द अधिकतर सुना होगा l कथा इस प्रकार है,राजा भागीरथ ने अपने कुल को तारने के लिए,स्वर्गरोहिनी,पतितपावनी,मोक्षदायिनी माँ गंगा को धरती पर लाने का तप किया,तप इतना घोर था कि,अघोर भगवान शिव भी गंगा की विध्वंसकारी वेग को भारतवर्ष के कल्याण हेतु जीवनदायिनी,सुगम व सुचारु बनाने के लिए मान गये l


अब श्रीहरि विष्णु से आज्ञा ले गंगा स्वर्गलोक से मृत्युलोक की ओर चली,चली तो सही पर,आनंद में नही चली,गंगा स्वर्ग से उन्माद में चली,स्वर्ग का बिछोह था,दुःख था,आक्रोश था,तो गंगा पूर्ण वेग,भयंकर गर्जना,और प्रलयंकारी रूप धर भू-लोक को पाताल लोक तक धकेलने के विचार से चली l स्त्री थी,ओर स्त्री का क्रोध भी तांडव ही है l जब गंगा जी विशाल - विकराल रूप धर,अट्‍टहास करती पृथ्वी की ओर बढ़ी,तब आवाज इतनी भयंकर थी की,समस्त सजीव -निर्जीव,चर- अचर..प्राणी,पदार्थ,वस्तु के बीच हड़कंप मच गया, गंगा का वेग इतना तीव्र था कि,सलिल भी आंधी में बदल गई,बवंडर चलने लगे l


तब महादेव जी ने गंगा को अपनी विशाल जटाओं से लपेट लिया,गंगा जब जटाओं में उलझने लगी,भयंकर विरोध करने लगी,तब महादेव ने गंगा की विशाल जलराशि को अस्सी भागो में बाँट दिया l आज इन अस्सी धारा को ही अस्सी गंगा और महादेव को गंगाधर कहा जाता है l आज भी यह अस्सी गंगा उत्तराखंड में बहती है l जो देवप्रयाग में मिलकर पूर्ण गंगा बनाती है l इन्हीं अस्सी गंगा धारा की मुख्य नदियों के पाँच प्रमुख संगम है l 


पंचप्रयाग संगम का संक्षेप में विवरण इस प्रकार है l


1) प्रथम प्रयाग : विष्णुप्रयाग

श्री बद्रीनाथ धाम मार्ग पर,बद्रीनाथ जी से 31 km पहले,विष्णुप्रयाग पड़ता है l यहाँ अलकनंदा नदी और धौली गंगा नदी का संगम होता है l


2) द्वितीय प्रयाग : नंदप्रयाग

चमोली से 40 km आगे जोशीमठ मार्ग पर नंदप्रयाग पड़ता है l यहाँ अलकनंदा नदी व नंदाकिनी नदी का संगम होता है l


3) तृतीय प्रयाग : कर्णप्रयाग

कर्णप्रयाग में अलकनंदा नदी और पिंडर नदी (पिदार गंगा ) का संगम होता है l


4) चतुर्थ प्रयाग : रुद्रप्रयाग

रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी व मन्दाकिनी नदी का संगम होता है l


5) पंचम प्रयाग : देवप्रयाग

देवप्रयाग में अलकनंदा नदी व भागीरथी नदी का संगम होता है l इन दोनों के संगम से ही आगे गंगा जी बहती है l


प्रयाग या संगम के विषय में एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि,जब दो नदियां आपस में मिलती है,संगम होता है,तो संगम से आगे उसी नदी का नाम रहता है,जिसका बहाव तेज हो,जिसमें पानी ज्यादा हो..जैसे की पहले चार प्रयाग में अलकनंदा नदी का ही नाम रह जाता है..लेकिन देवप्रयाग में भागीरथी जी और अलकनंदा में समान प्रवाह,समान जलराशि है,और जहाँ दोनों नदी समान हो वहाँ संगम के बाद आगे वाली नदी को अलग नाम दे दिया जाता है..जैसे की माँ गंगा 🙏

इतिसिद्धम 😊


Thanx

Trilok Raj

कम बजट में कैसे घुमा जाये..


बहुत से घुमक्कडों का प्रश्न होता है कि वो कम बजट में हिमाचल या दूसरी जगह कैसे घूमे । हर किसी का सपना होता है कि वो घूमने जाये लेकिन सभी की परिस्थितिया एक जैसी नही होती है । इस लेख के द्वारा आपको कुछ राय देना चाहता है जिससे आप कम बजट में यात्रा कर सकते है ।


1.अपनी यात्रा हमेशा सितंबर,अक्टूबर और नवम्बर (दीवाली से पहले) महीने में करे । इस समय पर्यटक स्थल में भीड़ नही होती है ।


2. यात्रा में कम से कम 2 जने हो, जिससे आपके रहने और खाने का खर्च आधा हो जायेगा । जैसे किसी धर्मशाला का किराया Rs 500 है अगर कोई अकेला है तब भी Rs 500 लगेगा  और 2 व्यक्ति होंगे तो वो 2 जनों में बंट जायेगा ।


3. अपनी यात्रा अधिकतम भारतीय रेल के सामान्य श्रेणी और शयन श्रेणी से करे । हर पर्यटक स्थल के आस-पास एक छोटा या बड़ा रेलवे स्टेशन होता है । रेल की यात्रा बहुत सस्ती होती है । रेल में जितनी अधिक दूरी होती है किराया कम होता जाता है । 


4. जहां रेल सुविधा नही है उसके पास के रेलवे स्टेशन तक रेल तक यात्रा करे और उसके आगे की यात्रा बस से करे । जैसे धर्मशाला हिमाचल में रेलवे स्टेशन नही है लेकिन उसके पास कांगड़ा और नगरोटा रेलवे स्टेशन है । जो लगभग 20-25 km की दूरी है


5. रात को ठहरने के लिये  गुरुद्वारा,धर्मशाला, गेस्ट हाउस या डोरमेट्री का उपयोग करे । 


6.सुबह नाश्ते में पेट भर के आलू के परांठे ( या जो आपको पसन्द हो )  ले । आलू के परांठे सस्ते होते है और 2 परांठो से आपका पेट भर जाता है । इससे आपको दोपहर में लंच करने की जरुरत नही होगी और आपका समय भी बच जायेगा ।


7. खाने में एक सब्जी ही मंगवाये, एक सब्जी में 2 लोग आराम से खाना खा सकते है इससे आपके खाने का खर्चा कम होगा ।


8. पर्यटक स्थल के आस-पास की जगह पैदल देखे या बस से यात्रा करे । बस हर जगह या उसके आस-पास तक जाती है 


9.अपने साथ एक ही ट्रैवलिंग बैग रखे । जिससे पीठ पर लटका कर घुमा जा सकता है 


10.अपने साथ कपड़े कम से कम रखे । ऐसे कपड़े रखे जो मैले कम होते जैसे जींस पेन्ट

एक जींस पेन्ट को आप 2-3 बार पहन सकते है । अगर आप टी-शर्ट (गोल गले और कॉलर वाली ) पहनते तो हो तो वो जरुर ले । क्योंकि टी शर्ट हल्की होती है और जगह भी कम घेरती है और आसानी से धुल जाती है । 


11. यात्रा के समय अपने साथ एक चद्दर बिछाने के लिये और एक हल्की गर्म चद्दर ओढ़ने के लिये जरुर साथ ले लेवें क्योंकि अगर आपको कही रहने के लिये कोई सस्ती जगह नही मिले तो आप नजदीक में किसी मंदिर, बस स्टैंड,रेल्वे स्टेशन पर सो सकते है ।


12 .खाने के लिये बिस्किट,नमकीन जरुर साथ रखे ।


13 .यात्रा के समय एक छोटा ताला, साबुन,तेल टूथपेस्ट और आपका एक पहचान पत्र जरुर साथ रखे ।


इन तरीकों से आप यात्रा करते है तो आप कम बजट में घूम सकते है ।


धन्यवाद 

योगेन्द्र स्वामी

ट्रेवल ब्लॉगर

Saturday, November 25, 2023

ममलेश्वर महादेव मंदिर

ममलेश्वर महादेव मंदिर हिमाचल के बारे मैं आप सभी को बताना चाहता हू।


आप सभी ने महाभारत देखी है उस मे एक प्रषंग आता है जिस मैं  पाडव एक परिवार के घर मैं  गांव मैं रहते थे और  ओर एक दिन उस परिवार के एक सदस्य को वहाँ के एक राक्षस के पास भोजन बनकर ओर भोजन लेकर जाना होता है  तो भीम उस परिवार के सदस्य की जगह  जाता है और राक्षस को बुलाने के लिए डोल बजाता हैं और राक्षस के आने पर उस को भीम मारदेता है  । 

इस इस्थान पर ही ममलेश्वर महादेव का मंदिर है।


यह बिल्कुल सच है कि हिमालय की गोद में बसें ममलेश्वर महादेव के मंदिर में पांडवों के दौर का पांच हजार साल पुराना 200 ग्राम गेंहू का दाना और भीम का ढोल है। इसे यहां स‌दियों से सहेजकर रखा गया है। ‌

200 ग्राम का गेंहू का दाना महाभारत काल है। देवभू‌मि हिमाचल के करसोग जिला ‌में स्थित ममलेश्वर महादेव के मंदिर में इसे आज भी सहेजकर रखा गया है। 

मान्यता है कि यह गेंहू का दाना पांडवों ने उगाया था। उसी समय से इसे यहां रखा गया है।

हिमाचल के मंडी जिले की करसोग घाटी के ममलेग गांव में स्थित मंदिर में रखा यह गेंहू का दाना करीब 5000 हजार वर्ष पुराना है। मंदिर में जाने पर आप पुजारी से कहकर इस दुर्लभ गेंहू के दाने को देख सकते हैं।

ममलेश्वर मं‌दिर का पांडवों से गहरा नाता है। इस मंदिर में एक प्राचीन ढोल है। इसके बारे में कहा जाता है कि यह ढोल भीम का है।

ममलेश्वर महादेव के मंदिर में एक धुना है। इसको लेकर मान्यता है कि यह महाभारत काल से निरंतर जल रहा है। 

इसके अलावा मंदिर में स्‍थापित पांच शिवलिंगों के बारे में मान्यता है कि यह पांडवों ने ही यहां स्‍थापित किए हैं। मंदिर भी महाभारत काल ही बताया जाता है।ममलेश्वर महादेव के मंदिर भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है।

ममलेश्वर मंदिर जाने के लिए आप हिमाचल पहुंचकर मंडी और शिमला दोनों रास्तों से करसोग पहुंच सकते हैं। ममलेश्वर महादेव का मंदिर करसोग बस स्टैंड से मात्र दो किलोमीटर दूर है।

Friday, November 24, 2023

दूधसागर वॉटरफॉल

दूधसागर वॉटरफॉल ( Must visit place if your are going Goa)

दूधसागर वॉटरफॉल अपने आकर्षक जल के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। पहाड़ के ऊपर से गिरने वाली मांडवी नदी का जल ऐसा प्रतीत होता है जैसे वह जल नहीं ऊपर से दूध की नदी बह रही हो। पर्यटक घंटों इसके सफेद फटे पानी को निहारते रहते हैं। आप भी जरूर आएं और इस खूबसूरत पर्यटन स्थल का लुत्फ उठाएं।

ट्रेन से दूधसागर वॉटरफॉल कैसे पहुंचे

 यदि आप ट्रेन के माध्यम से अपनी दूधसागर वॉटरफॉल की यात्रा करना चाहते है तो हम आपको बता दें कि दूधसागर रेल्वे स्टेशन पर ज्यादा ट्रेन नही रूकती हैं। आपको जिस स्टेशन की आवश्यकता है उसे कुलेम कहा जाता है, झरना इस स्टेशन के बगल में स्थित है,( दूधसागर वॉटरफॉल से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी)  और आपको वास्को डी गामा में या मडगांव में मडगांव स्टेशन पर ट्रेन पर चढ़ना होगा। इस रूट पर दिन में कई बार (इलेक्ट्रिक ट्रेन की तरह) फ्रीक्वेंसी वाली ट्रेन चलती है। कुलेम से मडगांव के लिए आखिरी ट्रेन 17:00 बजे निकलती है। ट्रेन का किराया सस्ता है और प्रति टिकट 50 रुपये से अधिक नहीं है। 07342 passenger ट्रेन, वास्को ड़ी गामा से 07:30 बजे निकलती है और 09:15 बजे कुलेम पहुँचती है ।

आप कुलेम से दूधसागर तक जीप सफारी के जरिए जा सकते हैं। इस सफर में आपको कुछ छोटी-छोटी नदियां भी मिलेंगी, जहां से आपकी जिप्सी गुजरेगी, जो बहुत ही आनंददायक है।

अगर आप कुलेम से जीप लेते हैं तो इसका चार्ज 2800 रुपये है और इस जीप में सात लोग यात्रा का लुत्फ उठा सकते हैं। आपको गोवा वन विभाग के गेट पर ही एक रसीद काटनी होगी, जो 50 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क है। कुलेम नामक स्थान से जीप के माध्यम से आपके पर्यटक स्थल की दूरी लगभग 40-45 मिनट है, लेकिन जीप से उतरकर लगभग 20 मिनट तक पैदल ही सफर करना पड़ता है।

दूधसागर वाटरफाल्स पर आपको लाइफ जैकेट भी मिल जाएंगे, जिसका चार्ज मात्र 30 रुपये प्रति व्यक्ति है। बिना लाइट जैकेट के पानी में उतरना थोड़ा खतरनाक हो सकता है और अगर आपको तैरना नहीं आता है तो ज्यादा गहरे न जाएं।

अगर आपने दूधसागर जलप्रपात जाने के लिए हवाई मार्ग चुना है तो हम आपको बता दें कि दूधसागर जलप्रपात का निकटतम हवाई अड्डा डाबोलिम हवाई अड्डा है। 

डाबोलिम हवाई अड्डा गोवा में दूधसागर जलप्रपात से लगभग 70 किलोमीटर दूर है। डाबोलिम हवाई अड्डे से आप टैक्सी या कैब किराए पर ले सकते हैं।

अगर आप सड़क मार्ग से दूधसागर जलप्रपात जा रहे हैं तो आपकी जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि एन.एच. 4ए राज्य मार्ग दूधसागर जलप्रपात की ओर ही जाता है। गोवा टूरिस्ट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की कई बसें यहां चलती हैं, जिनमें यात्रा करके आप दूधसागर जलप्रपात पहुंचेंगे।


Thanx Yatra Premi Group

Monday, November 20, 2023

Railway Station Stay & Locker Clock Room

Haridwar Railway Station 

new nabaratna hospitality pvt ltd haridwar.

Stay per Hour :- 10 RS.

Locker 24 hour :- 50 RS. 


Badrinath Ashram for Sty

Bharat Sevashram Sangha, Badrinath

Opp. Bus stand, Taxi Stand
BH. Kokila Dhirubhai Niwas (Reliance Group Resort)
Narayan Palace Rd, Badrinath, Uttarakhand 246422

Contact:-
01381222242

Located 0.7 km from the Badrinath Mandir,  Bharat Sevashram Sangha offers two and three-bedded rooms, dormitory accommodation and beds on sharing basis. Meals are available nearby.

Places to visit in Badrinath near  Bharat Sevashram Sangha 

Badrinath Mandir -   0.7 km

Tapt Kund -    0.7 km

Narad Kund -   0.7 km

Brahma Kapal -   1 km 

Mana Village -   5 km

Bheem Pul -    5.4 km

Saraswati River -   7.2 km 

Vasudhara Falls -  7.8km

Vyas Gufa  -  5.2 km 




હરિદ્વાર પ્રવાસ આયોજન.. રહેવા માટે બેસ્ટ લોકેશનની યાદી..

રહેવા માટે ધર્મશાળા

◼️હરિદ્વાર માં ગુજરાત  જેવી ફીલિંગ લેવી હોઈ તો શિવમૂર્તિ ગલી છે જે  રેલવે સ્ટેશનથી માત્ર 200 મિટર દૂર છે.ત્યાં ઘણા આશ્રમ  અને ધર્મશાળાઓ છે. બાપા સીતારામ, શાહુવાલાl, આર્ય નિવાસ , મોદી ભવન વગેરે....

◼️બીજું છે નકલંક ધામ જે આશ્રમ થોડો કોસ્ટ વધારે લેય છે પણ સુવિધા 5 સ્ટાર જેવી આપે છે

◼️ત્રીજો છે ઉમિયાધામ આશ્રમ હરિદ્વાર જે પટેલ ગ્રુપ ઊંઝા ઉમિયાધામ દ્વારા સંચાલિત છે સાથે એમાં પણ સુવિધાઓ સારી મળે

◼️ કચ્છી આશ્રમ જે ભારત માતા મંદિર પાસે છે જે મોટા ભાગ એ ગુજરાતની પબ્લિક થી ભરેલો જ હોઈ છે.. 

◼️ કચ્છી આશ્રમ પાસે મોરબી કડવા પટેલ સમાજ..ભારતમાતા મંદિર બાજુમાં, નેપાળ આશ્રમ ની પાછળ બેસ્ટ રેવાની એને જમવાની વ્યવસ્થા. 

ગુજરાતી સમાજ, Haridwar 

હરિદ્વાર માં રોકવા માટે ગુજરાતી સમાજ વાળી ગલી માં.. ગુજરાતી સમાજ માં. ૩૫૦ રૂપિયા. અને આજુબાજુ માં ૫૦૦/૮૦૦ માં રૂમ મળી જશે... ગુજરાતી સમાજ.રેલવે સ્ટેશન થી ૩૦૦ મીટર જ દૂર છે. તેથી રીક્ષા માં જવું નહિ... રીક્ષા વાળા ૨૦૦/૩૦૦ કહે છે... પણ સ્ટેશન થી બહાર નીકળી ડાબી બાજુ.૧૫૦ મીટર ચાલસો એટલે સર્કલ આવશે. અને એજ ગુજરાતી સમાજ.

ત્યાં પોરબંદરવાળા ની સરસ લૉજ છે. જમવાની મજા આવશે. તે ગલીમાં અન્ય પણ ઘણી લૉજ છે.

નકલંકધામ, હરિદ્વાર  

જો તમે હરિદ્વાર, ઋષિકેશ, મસૂરી કે ચારધામ યાત્રાની યોજના બનાવી રહ્યા હો, તો *નકલંકધામ હરિદ્વાર* શ્રેષ્ઠ સ્થળ છે રહેવા અને શાંતિનો અનુભવ કરવા માટે.  

અત્યાધુનિક સગવડો સાથે, અહીં તમને ઘર જેવો આરામ અને શ્રેષ્ઠ ગુણવત્તાવાળું ભોજન મળશે.  

અહીં રહેવા માટે ઑનલાઇન બુકિંગ ઉપલબ્ધ નથી, તમારે આશ્રમમાં વ્યક્તિગત રીતે પહોંચી ને બુકિંગ કરવી પડશે. 

✔ 3 ભવ્ય ઇમારતો  

✔ 100+ AC અને Non AC રૂમ  

આ આશ્રમ પરમ પૂજ્ય ધર્મભૂષણ સંત શ્રી રાજેન્દ્રદાસ બાપુ ગુરુ શ્રી કરશનદાસ બાપુ (મહંત શ્રી નકલંકધામ તોરાણિયા - હરિદ્વાર - રામદેવરા) ના માર્ગદર્શન હેઠળ સંચાલિત છે

શ્રી નકલંકધામ હરિદ્વાર, ભૂપતવાલા, ભારતમાતાપુરમ,

હરિદ્વાર, ઉત્તરાખંડ 8449907268, 9719020444

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ઉમિયાધામ આશ્રમ - હરિદ્વાર

કડવા પાટીદાર કુળદેવી શ્રી ઉમિયા માતાજી સંસ્થાન - ઊંઝા, ગુજરાત સંચાલિત છે.

સરનામું 

ગલી નં. ૫, દેવ સંસ્કૃતિ યુનિવર્સીટી પાસે, બિરલા ફાર્મ રોડ, હરિપુર કલા, હરિદ્વાર. 

મો. ૮૧૭૧૧ ૩૦૯૮૨

ચેતવણી

ઉમિયાધામ આશ્રમ હરિદ્વાર ના બુકિંગમાં ભળતા નામથી ફ્રોડ થાય છે. તો ચોકસાઈ કરીને રૂમ બુકીંગ કરાવશો.

ઉમિયાધામ આશ્રમ - હરિદ્વાર વેબસાઈડ દ્વારા ઓનલાઈન બુકિંગ કરવામાં આવતું નથી.

રૂમ બુકિંગ માત્ર સંસ્થાનના ફોન અને WHATSAPP પ્રક્રિયાથી સંસ્થાના બેંક એકાઉન્ટમાં પેમેન્ટ ડીપોઝીટ કરાવ્યા બાદ થાય છે.

બુકિંગ માટે નંબર :  મો. ૮૧૭૧૧ ૩૦૯૮૨

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શ્રી કચ્છી આશ્રમ હરિદ્વાર

સરનામું :- ભારતમાતા મંદિર પાસે,  Sapt Sarovar Marg, Bhoopatwala, Haridwar

અહીં કોઈપણ પ્રકારની ઓનલાઈન પેમેન્ટ કે બુકિંગ લેતા નથી.

પૂછપરછ માટે એક જ નંબર છે.

Mob. 783 073 8944

(અહીં રૂમ ન મળે તો જુગાડ કરી શકો છો. બરોબર કચ્છી આશ્રમ સામે ગંગા કાંઠે સાઉથના બેક આશ્રમ છે. ત્યાં રોકાવાનું અને જમવાનું કચ્છી આશ્રમમાં, તેનો અલગથી પાસ કઢાવવો.)

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આ સિવાય ભારતમાતા મંદિર આસપાસ, ભૂપત વાલા વિસ્તારમાં ગુજરાતી સમાજો અને હોટેલ ઘણી સસ્તા ભાવમાં મળી જાય છે. બેસ્ટ રોકાવા માટે અને ઋષિકેશ તથા મસુરી જવા માટે અહીં થી સરળતા રહે છે.

તમે હરિદ્વારના પ્લાનિંગમાં હોવ તો સૌ પ્રથમ ટ્રેન મુસાફરી કરીને આવ્યા હશો. તો રેલવે સ્ટેશન થી સાવ નજીક ગુજરાતી સમાજ કે અન્ય હોટેલ માં રોકાઈ શકો અને હરકી પૌડી ની આરતી તેમજ ગંગા ઘાટ પર સ્નાન કરી શકો છો. બીજા દિવસે તમે ભૂપત વાળા અથવા કચ્છી આશ્રમ બાજુ રહેવા માટે નક્કી કરી આવવું.. આ સરળ પડે.

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ઉપર દર્શાવેલ આશ્રમોમાં રૂમ ન મળે તો જુગાડ કરી શકો છો. બરોબર કચ્છી આશ્રમ સામે ગંગા કાંઠે સાઉથના બેક આશ્રમ છે. ત્યાં રોકાવાનું અને જમવાનું કચ્છી આશ્રમમાં, તેનો અલગથી પાસ કઢાવવો.

માહિતી નીચે મુજબ આપેલ છે. જ્યાં હું દર વર્ષે રોકાવ છું.

Sri Ganapathy Sachchidananda Ashrama bhadrakali Peetham.

Opp. Kutchhi Ashram, Saptsarovar Road, Near Bharat Mandir, Motichur, Haridwar, Uttarakhand 249411

Contact:- 093190 05714






વિડિઓ જોવા અહીં ક્લિક કરો



GMVNL (Garhwal Mandal Vikas Nigam Ltd)

Garhwal Mandal Vikas Nigam Ltd

  • अगर उत्तराखंड घूमने की प्लानिंग है तो अब खाने, पीने और ठहरने की कोई समस्या नहीं होगी। 
  • GMVN गढ़वाल मंडल विकास निगम के होटलों में ठहरने के लिए पर्यटक इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • उत्तराखंड के गढ़वाल में हर पर्यटक स्थल पर जीएमवीएन के होटल आसानी से मिल जाते हैं। 
  • चारों धाम में जीएमवीएन के होटल हैं।


The Vision of GMVN is to promote steady and sustained growth phase of the travel and tourism sector in Uttarakhand making the destinations more accessible, more attractive with many facilities and amenities for the tourists worldwide.

GMVN Website Link


Email :- 

gmvn@gmvnl.in

gmvn@sancharnet.in

yatraofficegmvn@gmail.com


Contact

Dehradun (Head Office)

91-135-2746817

91-135-2749308

91-135-2748478

91-135-2746847


Rishikesh (Yatra Office)

91-135-2431793

91-135-2431783

91-135-2431749

91-135-2430372


पर्यटक स्थलों में अब ठहरने की नहीं रहेगी टेंशन

अब मेकमाय ट्रिप से भी गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के होटल बुक कराए जा सकते हैं। 

गढ़वाल मंडल विकास निगम के होटलों में ठहरने के लिए पर्यटक अब निजी एप का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अगर उत्तराखंड घूमने की प्लानिंग है तो अब खाने, पीने और ठहरने की कोई समस्या नहीं होगी। अब मेकमाय ट्रिप से भी गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) के होटल बुक कराए जा सकते हैं। उत्तराखंड के गढ़वाल में हर पर्यटक स्थल पर जीएमवीएन के होटल आसानी से मिल जाते हैं। जहां पर खाने पीने की भी व्यवस्था होती है। ट्रायल के तौर पर जखोली, रुद्रप्रयाग, ऊखीमठ, चंबा आदि इलाकों के होटलों के एक-दो कमरों की बुकिंग की जिम्मेदारी मेकमाय ट्रिप को दी गई है। इसके बाद इसे दूसरे इलाकों में शुरू किया जाएगा।

गढ़वाल मंडल विकास निगम के होटलों में ठहरने के लिए पर्यटक अब निजी एप का इस्तेमाल कर सकते हैं।  अब तक पर्यटक ऑफलाइन या विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर ही होटल की बुकिंग कर पाते थे। इसके साथ ही चार धाम यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं के लिए भी आसानी होगाी। चारों धाम में जीएमवीएन के होटल हैं।

इधर चारधाम यात्रा में आ रहे यात्रियों को जीएमवीएन की टेंट कॉलोनी भी पसंद आ रही है। जीएमवीएन की ओर से यात्रा रूट पर करीब छह करोड़ रुपये की लागत से टेंट कॉलोनी तैयार की गई है। वहीं करीब दो करोड़ रुपये की लागत से विभाग ने अपने होटलों का नवीनीकरण किया है। जिससे होटलों में ठहरने वाले तीर्थयात्रियों व पर्यटकों को आरामदायक आवास की सुविधा मिल सके।

Gmvn देवभूमि उत्तराखंड चारधाम के दर्शनों के लिए आने वाले यात्रियों के स्वागत के लिए तैयार है...7 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी। सरकार और प्रशासन की तरफ से यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं मुहैय्या कराने की कोशिश की जा रही है। इसी कड़ी में केदारनाथ धाम में इस बार 3 हजार से ज्यादा यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए गढ़वाल मंडल विकास निगम की तरफ से केदारनाथ धाम में 200 अतिरिक्त टैंट लगाए जाएंगे, 15 मई तक टैंट कॉलोनी बनकर तैयार हो जाएगी, जिसमें तीन हजार से ज्यादा यात्री रात्रि विश्राम कर सकेंगे। जीएमवीएन की पांच टीमों को टेंट कॉलोनी तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है, ये टीमें दिन-रात टेंट कॉलोनी तैयार करने में जुटी हैं ताकि केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को ठहरने के लिए जगह मुहैया कराई जा सके।

Saturday, November 4, 2023

Kerala Tour Munnar

आज मैं अपनी #केरला ट्रिप मे #कोच्चि से मुन्नार घूमने की कुछ बचत करने वाली जानकारी आपसे share कर रहा हूँ  जो कि पहली बार मुन्नार जाने वालों का काफी पैसा बचा सकती है , मुन्नार जाने के लिए एरनाकुलम साउथ के बस स्टॉप से  KSRTC की बस जाती है  मुन्नार के लिए जिसका 160 रुपये प्रति व्यक्ति चार्ज है इसी बस से हम लोग सुबह मुन्नार के लिए निकले थे, 4 से 5 घंटे बाद बस मुन्नार के बस स्टॉप पहुँच जाती है, वहाँ आपको रूम लेने की जरूरत नहीं है न ही कोई हॉस्टल, न ही कोई गाड़ी बुक करने की जरूरत है,अगर आप 1 से, 3 लोग हैं तो KSRTC ने सोलो यात्रा प्रेमियों के लिए  बस 🚍🚍 मे ही स्लीपर बेड की शुरुवात की है जिसमे आप सिर्फ 100 रुपये मे प्रति व्यक्ति  रात्रि विश्राम कर सकते हैं वो  भी AC मे, ये बस की birth jaisi ही हैं जैसे की हम delhi से जयपुर जाने मे या कहीं भी जाने मे use karte हैं बस फर्क ये बस चलती नहीं है सिर्फ खड़ी रहती है उसी जगह हमेशा, इस बस  मे washbesin भी  हैं और पानी पीने के लिए वाटर purifire  भी लगा हुआ है और  बस के बगल मे ही  कुछ दूरी पर वाशरूम भी बना हुआ है ये suvidha  सिर्फ मुन्नार घूमने वालों के लिए बनाई गई है,आप जैसे ही मुन्नार पहुँचो, तो आप अपनी birth book करा सकते हैं, अगर ज्यादा लोग है 5 से 8 लोग हैं तो एक और KSRTC की बस  सुबिधा वहाँ रूम वाली भी है जिसमे आप 800 रुपये मे 5 से 8 लोग स्टै कर सकते हैं, अब ये तो हो गई वहाँ रात मे रुकने की व्यवस्था, अब यहीं से आपको मुन्नार  के sightseeing घुमाने वाली बस मिल जायेगी जो कि सिर्फ, 250 रुपये मे  मुन्नार घुमाती है दिन भर मुन्नार घुमिये और वापसी मे खाना खाने के बाद आराम से  अपनी बस के  स्लीपर birth मे आराम कीजिये फिर आप अगली सुबह यही से सरकारी बस से aleppy निकल जाइये, धन्यवाद, ये सुविधा आप के सफर के दौरान काफी पैसे बचा सकती है और नया अनुभव भी जीने को मिलता है जैसा कि हमने किया था, यात्रा date March, 2023


Sabhar :- yatra premi group

Sandeep Soni


munnar

Friday, November 3, 2023

Shruti Stylist Font Download Free

જો આપે માઈક્રોસોફ્ટ વર્ડમાં શ્રુતિ (Shruti) ફોન્ટ પસંદ કર્યો હશે અને ટાઈપ કર્યું હશે ત્યારે ગુજરાતીને બદલે અંગ્રેજી ટાઈપ થયું હશે અથવા ફોન્ટ બદલાઈ ગયો હશે; તો આપને પ્રશ્ન થયો હશે કે ગુજરાતી કેમ ટાઈપ નથી થતું? શ્રુતિ ફોન્ટ ગુજરાતી માટે છે તો પણ ગુજરાતીને બદલે અંગ્રેજી કેમ લખાય છે? કારણ કે શ્રુતિ ફોન્ટ યુનિકોડ ફોન્ટ છે જેનામાં અંગ્રેજી અને ગુજરાતી બેઉં ભાશાના અક્ષરો છે. એટલે વીન્ડોઝ કે લીનક્ષમાં ગુજરાતી લખવું હોય તો લેન્ગવેજ બારમાં ભાશા બદલવી પડે તો જ ગુજરાતી લખાય.


Wednesday, November 1, 2023

Bhutan Tour Planning

 #भूटान आज मैं सिर्फ 700 रुपये  मे दिल्ली से अपने पड़ोसी देश भूटान  मे 1 दिन घूमने का का सफर बता रहा हूँ  वो भी कानूनी तरीके से,जिसका अनुभव आप कभी नहीं भूल पाओगे, सबसे पहली बात  भूटान ने🇧🇹🇧🇹 पूरे 2 साल तक किसी भी देश के यात्रियों की एंट्री पर रोक लगा रखी थी, लेकिन अब नये नियमों के साथ  हम लोग भी प्रवेश कर सकते हैं, भूटान जाने के लिए आप दिल्ली से महानंदा express(15484)  हासीमारा  तक का टिकट कराइये जिसका स्लीपर birth का चार्ज 660 रुपये है हासीमारा अलीपुर द्वार जिले का एक छोटा सा station है अगर आप रात मे पहुँचते है तो station मे ही aramdayak बैठेने की सुविधा है, हासीमारा station से आपको जयगांव border पहुंचना होगा, जो की भारत और भूटान का border है, जो की station से 14km है और sharing मे आप ऑटो से  40 से 50 रुपये मे पहुँच जाओगे, 

 एक ऑटोwale का नंबर(7430803467) नाम( लामा )दे रहा हूँ usse आप पूछ के जा सकते हैं, अगर कोई   जयगाँव बोर्डर मे रुकना चाहे तो सिर्फ 100 रुपये मे श्री हनुमान मंदिर धर्मशाला मे रुक सकता है जो की सिर्फ 5 मिनट की दूरी पर है border के पास मैंने फोटो भी दिखाई है, अब आपके पास  भारतीय निर्वाचन कार्ड होना चाहिए, तभी आप जा सकते हैं,जब आपको भूटान मे एंट्री मिलेगी  तो एक स्लिप मिलेगी जिसमे date  लिखी होगी,यहाँ सुबह 7 बजे से रात्रि 8 बजे तक आप प्रवेश कर सकते हो, और भूटान की पहली सिटी  #phuntesholing को आप 4 से 6 घंटे विजिट कर सकते हैं यहाँ काफी मोनेस्ट्री है और दूसरा देश तो है ही यहाँ भारतीय रुपये चला सकते हैं, जिसे और आगे नहीं जाना पैसे खर्च नहीं करना वो  4se 6 घंटे घूम के रात्रि 10 बजे के पहले भारत की सीमा  मे प्रवेश कर सकता है, अगर आप रात्रि 11 बजे के बाद आएँगे तो आपको 1200 रुपये fine देना होगा, इसलिए हर हाल मे 8 बजे तक भारत मे प्रवेश हो जाएँ, अब जो कोई भूटान घूमना ही चाहता है तो आपको  वहाँ घूमने के लिए परमिट बनवाना होगा,परमिट 1200 रुपये प्रतिदिन का बनता है  और कोई  टूरिस्ट गाइड  बुक करना होगा जो की 1500 मे बुक होगा तभी आपको परमिट मिलेगा, तभी आप भूटान की राजधानी thimpu पहुँच सकते हैं होटल druk के सामने परमिट ऑफिस है ,agar आप 10000 तक खर्च कर सकते हैं भूटान की सोलो यात्रा मे तो  तभी आप भूटान  की राजधानी जा सकते हो या घूम सकते हो, 4 से 5 लोग हैं तो आपका खर्चा adjust हो जायेगा,जिसको सिर्फ भूटान मे कुछ घंटे रहना है तो phuntesholing घूम के भारत मे फिर वापस आ जाइये, और वापसी मे यहाँ से darjeling निकल जाइये जयगाव से आपको darjeling जाने के लिए सरकारी बस मिल जायेगी


Thanx 

Writer :- Sandeep Soni

રામદેવરામાં જોવાલાયક સ્થળો

 રામદેવરામાં શું જોવાલાયક 👉રામદેવપીરની સમાધિ 👉ડાલી બાઈની બંગડી 👉રામદે પીરની પરચા બાવડી વાવ 👉ડાલી બાઈનું ઝાડ જ્યાં ડાલી બાઈ રામદે પીરને મ...