ट्रेन में मिलने वाले अलग-अलग तरह के फनी लोग :
भारत में ट्रेन का सफ़र अपने आप में एक अलग ही दुनिया है। ये सिर्फ एक जगह से दूसरी जगह जाने का ज़रिया नहीं, बल्कि "जीते-जागते कैरेक्टर्स" से मिलने का ज़रिया है। आइए जानें उन कुछ फनी लोगों के बारे में जो अक्सर हमें ट्रेन में मिल जाते हैं-
1. गूगल मैप वाले : इन लोगों के मोबाइल में गूगल मेप हमेशा चालू रहता हैं। ये हमेशा मेप में रास्ता देखते रहते हैं। इन्हे देख कर ऐसा लगता हैं कि ये इंतजार कर रहे हैं कि कब ट्रैन गलत रास्ते पर चली जाए और ये जाके लोकोपायलट को सही रास्ता बताये। ये पुरे डिब्बे में बताते रहते हैं कि कौनसा स्टेशन आने वाला हैं।
2. खर्राटे वाले : इनका नेचुरल म्यूजिक सिस्टम वैसे तो रात को शुरू होता है पर कभी कभी दिन में भी अगर ये सो जाए तो इनके खर्राटे किसी को बाते भी ना करने देते हैं। इनकी नींद की वजह से साथ वाले या तो पूरी रात नहीं सो पाते और या फिर सुबह जल्दी उठ जाते हैं।
3. बदमाश बच्चे वाले परिवार : इनके बच्चे एक तो मेरे जैसे नौजवान को भी अंकल बोल देते हैं 😂। दूसरा ,ये बच्चे या तो चिल्ला चिल्ला कर सबको परेशान कर देते हैं या कुछ खा कर कही भी उसका कचरा फेंक देते हैं। इनसे अगर बाते कर लो तो ये आपसे पूछेंगे कि आपके मोबाइल में कौनसे गेम हैं अंकल ? एक बार ट्रैन में एक परिवार से मेरी दोस्ती हुई ,कुछ परिचित टाइप निकल गए थे। उन्होंने अपनी हथेली पर एक लड्डू रख कर मेरी तरफ बढ़ाया ,जैसे ही मैं लड्डू उठाने लगा ,उनका बच्चा झपट्टा मार कर बीच में ही ले गया। मैं केवल उसको देखता रह गया ,अब चेहरे पर मेरे केवल थी झूठी स्माइल और मन में एक आग ..
4. लवर्स से बाते करने वाले : जैसे ही ये ट्रैन में चढ़ेंगे ,इनका फ़ोन शुरू हो जायेगा। और इनका पूरा सफर इसी में ही निकल जाएगा। ये बात करेंगे तो केवल चाय वाले और पानी की बोतल बेचने वाले से। इसमें अलग अलग केटेगरी मिल सकती हैं -जैसे हंस कर लवर्स से बात करने वाले ,या गुस्से में लड़ाई करते रहने वाले ,या धमकी देने वाले कि -मुझे आई लव यु नहीं बोला तो चलती ट्रैन से कूद जाऊंगा।
5. बिना टिकट वाले : इनसे आप आराम से कुछ देर तक बाते करेंगे आपको इनकी कहानी में क्यूरोसिटी जागेगी ,आप कुछ पूछना चाहेंगे लेकिन फिर थोड़ी देर बाद ये आपको बताएँगे कि इनके पास टिकट नहीं है। अब ये आपसे पूछेंगे कि टी टी आ जाये तो क्या करना चाहिए। और टी टी आते ही ये डिब्बे से खिसक जाएंगे और फिर ये आपको कभी वापस नहीं मिलेंगे। फिर आप खुद को वह सवाल पूछते रहेंगे और बाद में सोचेंगे कि "वह राज भी उसी के साथ चला गया "...
6. नशेड़ियों का ग्रुप : ये ग्रुप में होंगे। ट्रैन शुरू होते ही प्लांनिग शुरू कर देंगे कि ट्रैन में भी पीनी हैं। अगर इनके ग्रुप के मेंबर्स की सीट दूर दूर आयी होगी तो ये किसी भी तरह सबको एक ही डिब्बे में ले आएंगे। अपनी अच्छी से अच्छी सीट भी दानवीर बनकर दुसरो को दे आएंगे। फिर पानी की बोतलों में थोड़ी शराब भर रात भर पीते रहेंगे और उनमें से कोई एक तो ऐसा होगा जो किसी अनजान से नशे में लड़ भी लेगा।
7. सीट वाली बहस करने वाले :“ये मेरी सीट है... देखिए रिजर्वेशन!” हर सफर में कोई ना कोई ज़रूर मिलेगा जो सीट को लेकर बहस कर रहा होता है। और धीरे-धीरे ये बहस पूरे डिब्बे का मनोरंजन बन जाती है। क्युकी बाद में पता पड़ता हैं कि उनमें से एक या तो गलत ट्रैन में चढ़ गया होता हैं या गलत डिब्बे में और एक बार तो ऐसा हुआ था कि एक आदमी तो एक दिन पहले ही सफर पर आ गया गलती से और फिर भी सीट के लिए लड़ रहा था।
8. पूरी रात जागने वाले : मेरा एक दोस्त हैं उसको नींद ही नहीं आती ट्रैन में। मैं तो कभी भी कही भी लेटते ही पांच मिनट में सो जाता हूँ। लेकिन वो हर समय जाएगा हुआ रहता हैं चाहे कितनी भी भारी ठंड ही क्यों ना हो। मैं रात में कभी उसको उठकर देखता हूँ तो वो दुबका हुआ अपनी स्लीपर पर आँखे खुली रखा ही मिलता हैं। उसको देखकर मुझे एक तो उल्लू की याद आती हैं ,दूसरा उसपर दया आ जाती हैं कि इसको ग़म नहीं फिर भी दुखियारा लग रहा हैं। पर वो मुझे सुबह ये जरूर बता देता हैं कि रात को टी टी ने किसी का चालान काटा ,या ट्रैन कही दो घंटे पड़ी रही ,या पास वाली सीट के लोग आपस में लड़े थे। फिर इसके जैसे भी मैंने लोग कई दफा देखे। एक होते हैं मेरे जैसे जो एक बार सो जाए तो अब चाहे भूकंप आये या सुनामी ,उठेगा नहीं साला। #traveltalesbyrishabh
9. इंट्रोवर्ट : ये किसी से भी बात नही करेंगे। कोई इनसे कुछ पूछेगा तो शार्ट में जवाब देंगे। ये या तो गाने सुनते रहेंगे या फिल्म्स देखते मिलेंगे। इन्हे अकेलापन इतना पसंद होता हैं कि ये दोपहर में भी सबसे अप्पर सीट पर बैठे रहेंगे ताकि इन्हे किसी से बात ना करनी पड़े। एक इनके उलटे होते हैं एक्सट्रोवर्ट ,ये यात्रा खत्म करते करते पुरे डिब्बे वालो से रिश्तेदारी बना लेते हैं।
10. मैं-मैं करने वाले : ये लोग बस किसी के भी साथ शुरू हो जाएंगे कि मैं ये हूँ वो हूँ ,मेरे चाचा विधायक हैं। हमने एक बार ट्रैन में टी टी को डरा दिया ,हमने ये किया हमने वो किया ,हमारे दादा जी भूत से बीड़ी मांग कर पीते थे ,हमारे परदादाओं ने तो डायनासौर भी देखे हैं। ऐसे लोगों से बचने के लिए मैं पॉइंट नंबर 9 वाला इंसान बन जाता हूँ।
आप कमेंट में यह जरूर बताइयेगा कि इनके अलावा और किस तरह के लोग आपको मिलते हैं ,या आप इनमें से किस नंबर पर फिट बैठते हैं। और हाँ ,कल मेरी एक ट्रैन यात्रा हैं दिल्ली तक। प्रार्थना करो कि दरवाजे के पास वाली साइड लोअर सीट ना आ जाये (अनुभवी यात्री इसका कारण भी जानते ही होंगे )....
Photo: उजबेकिस्तान में एक ट्रेन की यात्रा का..2023
- ऋषभ भरावा