उत्तराखण्ड का पांचवा धाम
जहाँ प्रकृति अध्यात्म ध्यान और सादगी का पूरा योग है 🙏 विश्व का सबसे बड़ा श्री यँत्र यहीं हैं
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महादेव प्रणाम 🙏❤️
अपनी कुमाऊ मंडल की यात्रा के दौरान ज़ब मै अल्मोड़ा से लगभग 40km दूर डोल आश्रम पंहुचा
जिसे श्री कल्याणिका हिमालय देव स्थानम के नाम से जाना जाता है यह स्थान कनरा गाँव, सोमेश्वर तहसील, अल्मोड़ा मे है
मै सच मे मन्त्र मुग्ध सा रह गया मुझे समझ आया क्यों उत्तराखण्ड को देव भूमि कहा जाता है 👌👌
यहां प्रकृति अपने वास्तविक स्वरूप मे आज भी मौजूद है जहाँ आपको देवताओ के होने का आभास यूँ ही हो जाता है
देव भूमि का मतलब यहाँ सिद्ध होता है हिमालय क्षेत्र मे यह जगह आपको कितना मोहित कर देगी यह आप वहां जाकर ही महसूस कर पाएगे
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आश्रम के बारे मे -
यह आश्रम की स्थापना बाबा कल्याण दास जी महाराज ने 1990 मे करी थी
कहते हैं बाबा जी कैलास मानसरोवर की यात्रा के दौरान भगवती के साक्षात्कार के बाद उनकी आज्ञा से हिमालय क्षेत्र मे इस आश्रम की स्थापना की थी
बाबा जी 12 वर्ष की आयु मे ग्रह त्याग कर लगभग 20वर्षो तक ध्यान साधना अलग अलग क्षेत्रो मे करते रहे 🙏
भगवती और महादेव के उपासक बाबा जी ने पंच देव परम्परा का निर्वहन किया
परन्तु इनका मुख्य उद्देश्य ध्यान और साधना है 🙏🙏
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#विशेष
यह ऐसा स्थान है जहाँ विश्व का सबसे बड़ा श्री यँत्र स्थापित है जो लगभग डेढ़ टन का है और अष्टधातु का बना है
साथ ही जहा यह स्थापित है वहां ध्यान कक्ष है जहा 500 लोग एक साथ बैठकर ध्यान कर shrikalyanika यह ध्यान साधना और वेदांत पर आधारित आश्रम है ❤️
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मेरा अनुभव ---
जैसे ही मै डोल आश्रम पंहुचा विशाल महादेव की प्रतिमा देखकर मै भाव विभोर हो गया हिमालय क्षेत्र की शांत और सुगन्धित हवा मानो मुझे अंदर से शांत करती जा रही थी
मै इस परिसर की शांति से मुग्ध हो रहा था चाहुओर विशाल पहाड़ पेड़ मुझे अपनी ओर खींच रहे थे ❤️❤️
मै जैसे ही मंदिर परिसर की ओर बढ़ा शिव लिंग दर्शन मुझे खींचने लगा
साथ ही भगवती गणेश आदि के दर्शन कर मै बढ़ रहा था श्री यँत्र की तरफ
जैसे ही कक्ष पर पंहुचा एक असीम शांति पसरी थी लोग आँख मूंदे बैठे थे
मै जैसे ही गया कक्ष मे बस ध्यान मे विलीन हो रहा था वहां की शांति आपके अंदर की आवाज को सुनने का मौका देती है
आप यहां बस बैठे रहिए अंदर तक उतर जाएगे
मै बस यहीं बैठा रहना चाहता था परन्तु schedule के हिसाब से जाना था तो निकल गया पर मन वही ठहर गया
अभी तो दिल भरा नहीं....
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आपको यहाँ रहने के लिए आश्रम मे कमरे मिल जाते हैं जहा आप सशुल्क और निशुल्क (स्वेच्छा दान ) मे रह कर यहां का अनुभव कर सकते है
खाने के लिए यहाँ बढ़िया व्यवस्था हैं जहाँ 150 लोग एक साथ प्रसाद पा सकते हैं 👌👌
इसके लिए आपको shrikalyanika. com पर जाकर रूम आदि बुक कर सकते हैं और अधिक जानकारी ले सकते है
इसके अलवा
हेलो होटल home स्टे
और
Dev ganga होटल आश्रम के पास विकल्प हैं
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#पहुंचे _
दिल्ली से डोल आश्रम तक
कुल दूरी: लगभग 380–400 किमी
समय: 10–12 घंटे (सड़क मार्ग से)
विकल्प 1: सड़क मार्ग (कार या बस से)
दिल्ली → गजरौला → रामनगर → रानीखेत → डोल आश्रम (कनरा गाँव, अल्मोड़ा)
रास्ता सुंदर पहाड़ियों और घने जंगलों से होकर गुजरता है।
विकल्प 2: रेल + टैक्सी
दिल्ली से काठगोदाम रेलवे स्टेशन तक ट्रेन (रानीखेत एक्सप्रेस, शताब्दी आदि)
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यात्रा का बेहतर समय -
वैसे तो यहां आप कभी भी जाइए आप मोहित हो ही जाएगे परन्तु यात्रा का सर्वोत्तम समय
मार्च से जून और सितंबर से नवंबर सबसे अच्छा समय है।
गर्मियों में मौसम सुहावना और ठंड में बेहद ठंडा (बर्फबारी संभव) होता है।
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बाबा कल्याण दास जी अभी मौजूद हैं उनके दर्शन और प्रवचन सुनना स्वयं मे एक आध्यत्मिक ऊर्जा से पूर्ण होने वाली यात्रा हैं
मुझे अपनी इस यात्रा मे इस स्थान की महत्ता बहुत ज्यादा लगी इस स्थान की ऊर्जा आपको संमोहित कर लेगी
मेरा मन अभी भरा नहीं यहां कम से कम एक हफ्ता रुकना चाहिए या फिर 3-5 घंटा ध्यान क्षेत्र मे
महादेव जब मौका दे मै फिर से जाना चाहुँगा कुछ समय बिताने
शिवम् गौतम जी