चीन ने मच्छर जैसे बहुत ही छोटे आकार के गुप्त जासूसी ड्रोन बनाए हैं जो 0.6 सेमी लंबे हैं और 0.3 ग्राम वजन के हैं, और जो कैमरा, माइक्रोफोन और सेंसर से लैस होकर जासूसी कर सकते हैं — यह जानकारी इंटरनेट और सोशल मीडिया पर काफी वायरल होती रही है, लेकिन इसमें कई बातें पूरी तरह से पुष्ट नहीं हैं या बहुत बढ़ा-चढ़ाकर कही गई हैं।
🔍 आइए तथ्यों पर नज़र डालते हैं:
✅ सच्चाई क्या है?
1. माइक्रो ड्रोन टेक्नोलॉजी वास्तव में कई देशों में विकसित हो रही है, जिसमें अमेरिका, चीन, इजरायल और यूरोप के देश भी शामिल हैं।
2. वैज्ञानिकों ने "माइक्रो एरियल व्हीकल्स (MAVs)" या "इंसेक्ट इंस्पायर्ड ड्रोन" विकसित किए हैं जो आकार में बहुत छोटे होते हैं और दिखने में कीड़ों जैसे (जैसे मच्छर, मधुमक्खी, या ड्रैगनफ्लाई) लग सकते हैं।
3. इनमें छोटे कैमरे और सेंसर लगाए जाते हैं, लेकिन इतनी छोटी टेक्नोलॉजी को कार्यशील बनाना अब भी बहुत चुनौतीपूर्ण है — खासकर उड़ान संतुलन, पावर सप्लाई, और डेटा ट्रांसमिशन के मामले में।
❌ क्या चीन ने मच्छर जितना जासूसी ड्रोन बना लिया है?
नहीं, अभी तक कोई आधिकारिक वैज्ञानिक या सैन्य स्रोत यह पुष्टि नहीं करता कि चीन ने वास्तव में 0.6 सेमी और 0.3 ग्राम वजन वाला ड्रोन ऑपरेशनल रूप में बना लिया है जो जासूसी कर सके और रडार से बच सके।
वायरल फोटो और वीडियो (जैसे “ड्रैगनफ्लाई ड्रोन” या “माइक्रो मच्छर ड्रोन”) ज्यादातर या तो कॉन्सेप्ट मॉडल होते हैं या फर्जी (Photoshop या CGI)